माना कि,घर चलाने की जिम्मेदारी हूँ पर, कोई वस्तु नहीं मैं नारी हूँ। माना कि,घर चलाने की जिम्मेदारी हूँ पर, कोई वस्तु नहीं मैं नारी हूँ।
हाँ हाँ मैं नारी हूँ, इस सृष्टि को चलाने वाली, लगती सबको प्यारी हूँ। हाँ हाँ मैं नारी हूँ, इस सृष्टि को चलाने वाली, लगती सबको प्यारी हूँ।
ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी। ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी।
Afraid of expressing ourselves Afraid of expressing ourselves
बाप के कलेजे की राहत माँ की दिलो-जां,चाहत, शौहर के अरमानों की मूरत बच्चों की ढाल,हिफ बाप के कलेजे की राहत माँ की दिलो-जां,चाहत, शौहर के अरमानों की मूरत बच्च...
कितनी खुशियां लेकर मैं इस लोक जगत में आती हूँ, फिर भी अकेला हर वक्त मैं खुद को यहां कितनी खुशियां लेकर मैं इस लोक जगत में आती हूँ, फिर भी अकेला हर वक्त मैं...